भारत में 4 जोड़ों में से 1 जोड़े को बच्चा प्राकृतिक रूप से न होने की समस्या है|इन जोड़ों में से अधिकतर ने यह बात मानी है की वह कभी किसी डॉक्टर के पास नहीं गए| हमारे देश में धार्मिक व सामाजिक पूर्वाग्रह है कि “बच्चा भगवान की देन है, नारी ही इसकी ज़िम्मेदार है”| इसलिए नारी पर बाँझपन का टैग लग जाता है जो बहुत खतरतनाक है|
बाँझपन सिर्फ महिलाओं कि समस्या नहीं है| महिला अकेले बच्चा पैदा नहीं करती| करीब 30% बाँझपन का कारण पुरुष होते हैं| और इतनी ही % महिलाएं होती हैं| 40% में दोनों ही इस समस्या का कारण होते हैं पर उसे पहचाना नहीं जा पाता|
इनफर्टिलिटी दोस्त: कैसे यह कंपनी सहायक है इस समस्या में
इनफर्टिलिटी दोस्त.कॉम, गीतांजलि बैनर्जी द्वारा बनायीं गयी सोशल स्टार्टअप है जो भारत में बाँझपन की बढ़ती समस्या का समाधान करने के लिए सहायक है| नाम से ही पता चलता है की यह एक दोस्त की तरह इन जोड़ों की सहायता करती है, उन्हें सही सलाह देती है| स्पेशलिस्ट डॉक्टर और इस तरह की गर्भावस्था की जानकारी देती है|यह कंपनी आपको बताएगी की आप इस यात्रा में अकेले नहीं है| हम आपके साथ हैं| इनका उद्देशय आपका मार्गदर्शन करना है|
कंपनी की प्रेरणा
गीतांजलि बैनर्जी ने अपने दर्द-भरे अनुभव की वजह से इस कंपनी की स्थापना अगस्त 2016 में की है| इस स्टार्टअप के द्वारा वह उन हज़ारों भारतीय महिलायों की सहायता कर पायेगी जो उनकी तरह ही इस समस्या से लड़ रही है| इस कंपनी के द्वारा बहुत सी महिलाये माँ बनने का सपना सच कर पाएंगी|
गीतांजलि कहती हैं : “मेरी अरेंज्ड मैरिज 23 साल की उम्र में हो गयी थी क्यूंकि हमारे समाज में यही शादी का सही समय होता है| एक साल के शादीशुदा समय के बाद दूसरा माइलस्टोन छूने के वक़्त आया, अर्थात माँ बनने के| और फिर शुरू हुई इन्फेरिलिटी (बांझपन) से 10 साल लम्बी जंग| 5 गर्भपात(मिसकैरेज ), 3 दाढ़ गर्भावस्था (मोलर प्रेगनेंसी), 1 विफल इवफ(ivf ) तथा ओवरियरन कैंसर से झूजने के बाद जाकर मुझे दूसरे इवफ(ivf ) में सफलता हासिल हुई माँ बनने की| इतना कुछ सहने के बाद मैं हिम्मत करके खड़ी हूँ समाज के सामने, इनफर्टिलिटी के बारे में खुल कर बात करने के लिए| मुझे अपने समय में कोई भी ऑनलाइन हेल्प नहीं मिली| तब मुझे समझ आया की इनफर्टिलिटी की जानकारी ऑनलाइन अभी नहीं है|
इनफर्टिलिटी दोस्त कंपनी की सेवाएं
यह कंपनी एक ऑनलाइन प्लेटफार्म प्रदान करती है जहाँ लोग बाँझपन और इवफ(ivf ) से सम्बंधित समस्याओं के समाधान पा सकते हैं| इस कंपनी द्वारा दी जा रही सेवाओं में से कुछ इस प्रकार हैं:
- डॉक्टर खोजे: इस सुविधा में आप अपने शहर में बाँझपन स्पेशलिस्ट और इवफ ट्रीटमेंट विशेषज्ञ के बारे में जान सकते हैं| एक सही डॉक्टर के चुनाव सफल इलाज के लिए बहुत जरूरी होता है|
- विशेषज्ञ से बात: बाँझपन व इसके इलाज सम्बंधित सभी सवालों के उत्तर यहाँ पूछे जा सकते है| खान-पान, योग, आयुर्वेद, एक्यूपंक्चर, तहा सभी गर्भावस्था सम्बंधित सवालों के जवाब मिल जायेंगे|
- डिस्कशन फोरम: ऑनलाइन चर्चा एक ऐसा मंच है जहाँ बाँझपन से सम्बंधित किसी भी विषय पर सवाल भेजकर मैसेज द्वारा चैट की जा सकती है|
- इवेंट्स( आयोजन): समय-समय पर अलग अलग जगहों पर बाँझपन पर वार्ता और कार्यशालाओं के आयोजन किया जाता है, जहाँ पर आ अपनी समस्या पर चर्चा कर सकते हैं|अभी तक निम्नन आयोजन किये जा चुके हैं:
a . टॉक ऑन इनफर्टिलिटी, ऋषिकेश – अक्टूबर 2016
b. सेंसिटीसिंग सोसाइटी थ्रू ओपन टॉक ऑन इनफर्टिलिटी, दिल्ली – जनवरी 2017
विभिन्न चुनौतियों रास्ते में आयीं
सबसे बड़ी चुनौती जिसका गीतांजलि ने सामना किया वो थी ऐसा वातावरण बनाना जिससे लोग इस विषय पर बात करें| भारतीय समाज में आज भी गॉंवों में इस विषय के बहिष्कार किया हुआ है| विडंबना यह है की शहरी क्षेत्रों में भी कुछ ऐसी ही स्तिथि है| युवा दंपत्ति अक्सर समाज से डर जाते हैं, लोग अवांछित सवालों, गुमराह राय, सामाजिक बहिष्कार से डर जाते हैं और कभी किसी डॉक्टर के पास ही नहीं जाते|
क्यूंकि गीतांजलि अपने व्यक्तिगत अनुभव से काम कर रही हैं, बहुत साहस जुटा कर वो सब लोगों के सामने जाकर उनसे बात कर पाती हैं| उनकी बात समझ पाती हैं, और कोशिश कर रही हैं उन लोगों की मदद करने की जो इस तरह की समस्या के सामना कर रहे हैं| व्यवसाय के अंदर उन्हें निम्नन चुनौतियों के सामना करना पड़ा: मार्किट विश्लेषण, व्यावसायिक समझ, समाज को इस बदलाव के लिए तैयार करना|
गीतांजलि के बारे में
गीतांजलि को 10 साल का लखेन में अनुभव है, वो एक “ट्रेवल ब्लॉगर” हैं| उनके ब्लॉग का नाम है, “ट्रेवल बय कर्मा”, जहाँ पर वो लीक से हट कर स्थलों और |वहां अपने अनुभव के बारे में लिखती हैं|कुशल लेखिका और बांझपन की बढ़ती समस्या में कुछ मदद करने की इच्छा के मेल ने गीतांजलि को एक “सामाजिक उद्यमी (सोशल एंटरप्रेन्योर) बना दिया| वह कैशकरो(CashKaro.com) द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में ” SheCEO 2017″ की विजेता हैं|
अपनी बिज़नेस स्किल्स को बेहतर करने के लिए उन्होंने ६ महीने का इ.इ.टी दिल्ली-वी फाउंडेशन(WEE वूमेन एन्त्रेप्रेंयूर्शिप एंड एम्पावरमेंट) से कर रही हैं| इस प्रोग्राम में कक्षा-प्रशिक्षण के माध्यम से व्यावसायिक कौशल को निखारा जाता है| इस में बिज़नेस के तरीके से लेकर मार्केटिंग, सेल्स, फंडिंग के तौर-तरीके बताये जाते हैं तथा हर तरह की सहायता की जाती है|
2 Comments